dc motor kitne prakar ke hote hain, types of motor,motor kya hota hai ,ac motor
आज के इस आधुनिक समय मे हम जैसे जैसे हम प्रगति कर रहे है वैसे वैसे बहुत से चीजे हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है | इसी प्रकार इस दौर मे मोटर भी हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है | क्योंकि मोटर हमारे जीवन मे बहुत ही यहां भूमिका निभा रहा है क्योंकि पहले जिस काम को करने मे कई दिन का समय लगता था | उसे हम आज के समय मे मोटर की मदद से बहुत ही काम समय मे पूरा कर ले रहे है | तो दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे की motor kya hota hai और motor kitne prakar ke hote hain ।
motor kya hota hai | मोटर क्या होता है
मोटर एक एस विद्युत उपकरण है | जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा मे बदलता है | यदि हम आसान भाषा मे कहे तो मोटर मे जब हम धारा प्रवाह करते है, तो मोटर विधुत आपूर्ति पा कर घूमने लगती है |
मोटर का कार्य सिद्धांत मुख्यतः चुम्बकीय तथा विद्युत क्षेत्र की परस्पर क्रिया पर निर्भर करता है। मोटर फैराडे की विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है। जब मोटर को विद्युत आपूर्ति दी जाती है तो मोटर के स्टेटर में चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र उस धारावाही चालक पर एक बल आरोपित करता है जिस चालक में विद्युत आपूर्ति दी गई होती है। इसी बल के कारण मोटर घूमने लगती है।
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मोटर का काम करने का सिद्धांत फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित है। इस सिद्धांत के अनुसार, जब एक चालक को एक चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो उस चालक में एक विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
जब मोटर को विद्युत आपूर्ति दी जाती है, तो स्टेटर कॉइल में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। यह धारा स्टेटर में एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। रोटर कॉइल भी स्टेटर के चुंबकीय क्षेत्र में स्थित होते हैं। जब रोटर कॉइल में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो उसमें एक विद्युत धारा उत्पन्न होती है। यह धारा रोटर में एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है।
दोनों चुंबकीय क्षेत्र एक दूसरे के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। यह प्रतिक्रिया रोटर को घुमाने का कारण बनती है।
motor kitne prakar ke hote hain | मोटर कितने प्रकार के होते है
मोटर को मुख्य रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
- दिष्ट धारा मोटर (DC motor)
- प्रत्यावर्ती धारा मोटर (AC motor)
इन दोनों प्रकारों के मोटरों के भी कई उपप्रकार होते हैं, जो उनके कार्य सिद्धांत, निर्माण और उपयोग के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं।
प्रत्यावर्ती धारा मोटर (AC motor)
प्रत्यावर्ती धारा मोटर (AC motor) प्रत्यावर्ती धारा (AC) से संचालित होती है। इस मोटर का कार्य सिद्धांत फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर भी आधारित है। जब प्रत्यावर्ती धारा को मोटर के आर्मेचर में प्रवाहित किया जाता है, तो यह एक घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र रोटर के चुम्बकीय क्षेत्र के साथ अभिक्रिया करता है और रोटर को घुमाने लगता है।
दिष्ट धारा मोटर (DC motor)
दिष्ट धारा मोटर (DC motor) दिष्ट धारा (DC) से संचालित होती है। इस मोटर का कार्य सिद्धांत फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित है। जब दिष्ट धारा को मोटर के आर्मेचर में प्रवाहित किया जाता है, तो यह चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र रोटर के चुम्बकीय क्षेत्र के साथ अभिक्रिया करता है और रोटर को घुमाने लगता है।
ac motor ke prakar | ac मोटर के प्रकार
प्रत्यावर्ती धारा के मुख्यतः दो प्रकार के होते है |
सिंक्रोनस मोटर (Synchronous motor): इसमें रोटर एक स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र से जुड़ा होता है। जब आर्मेचर में घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है, तो यह रोटर को उसी आवृत्ति से घुमाने लगता है जिस आवृत्ति पर आर्मेचर में धारा प्रवाहित होती है। सिंक्रोनस मोटरों का उपयोग बिजली संयंत्रों, फैक्ट्रियों, और ऊर्जा संरक्षण अनुप्रयोगों में किया जाता है।
इनडक्शन मोटर (Induction motor):इसमें रोटर एक बंद लूप होता है जो आर्मेचर से स्वतंत्र होता है। जब आर्मेचर में घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है, तो यह रोटर के चुम्बकीय क्षेत्र को घुमाने लगता है। इंडक्शन मोटरों का उपयोग विभिन्न प्रकार के उपकरणों में किया जाता है, जैसे कि पंखे, वॉशिंग मशीन, और औद्योगिक मशीनरी।
रैखिक मोटर (Linear motor): यह AC motor का एक प्रकार है जो यांत्रिक गति को सीधे एक रेखा में उत्पन्न करता है। रैखिक मोटरों का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे कि रेलवे, लिफ्ट, और औद्योगिक मशीनरी।
dc motor ke prakar | dc मोटर के प्रकार
शंट मोटर (Shunt motor):इसमें आर्मेचर और फील्ड कॉइल समानांतर में जुड़े होते हैं। जब आर्मेचर में धारा प्रवाहित होती है तो यह फील्ड कॉइल में भी धारा प्रवाहित करती है। इस प्रकार, आर्मेचर और फील्ड कॉइल एक दूसरे के चुम्बकीय क्षेत्र को बढ़ाते हैं। शंट मोटरों का उपयोग विभिन्न प्रकार के उपकरणों में किया जाता है, जैसे कि ड्रिल, मशीन टूल, और औद्योगिक मशीनरी
सीरीज मोटर (Series motor): इसमें आर्मेचर और फील्ड कॉइल श्रृंखला में जुड़े होते हैं। जब आर्मेचर में धारा प्रवाहित होती है, तो यह फील्ड कॉइल में भी धारा प्रवाहित करती है। इस प्रकार, आर्मेचर और फील्ड कॉइल एक दूसरे के चुम्बकीय क्षेत्र को कम करते हैं। सीरीज मोटरों का उपयोग उच्च टॉर्क अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे कि ट्रेन और लिफ्ट।
कंपाउंड मोटर (Compound motor): इसमें आर्मेचर और फील्ड कॉइल समानांतर और श्रृंखला दोनों में जुड़े होते हैं। इसमे आर्मेचर और फील्ड कॉइल एक दूसरे के चुम्बकीय क्षेत्र को बढ़ाते या कम करते हैं। कंपाउंड मोटरों का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे कि औद्योगिक मशीनरी और रेलवे।
FAQ
motor kitne prakar ke hote hain
मोटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है | ac motor और dc motor और इसके कई उपरकर होते है |
dc motor kitne prakar ke hote hain
dc motor मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते है |